Thursday, February 26, 2015

अभी जान बाक़ी है"

यह किसने कह दिया तुमसे के हार गए है हम
मोहब्बत में लुटाने के लिए तो अभी जान बाक़ी है"

तुझसा कोई नहीं

लोगों ने रोज़ ही नया कुछ माँगा खुदा से..!

एक हम ही हैं तेरे ख्याल से आगे न गये..!"

Monday, February 23, 2015

गरीब की दास्तां

बना के ताजमहल एक दौलतमंद आशिक ने,
गरीबो की मोहब्बत का तमाशा कर दिया..."

Friday, February 20, 2015

तुम छू लो जरा मैं चंदन बनकर महकने लगूंगा.. जिंदगी आ जाएगी मुझमे मैं धड़कने लगूंगा..।।"

आप पढ़ लो पहले

“बोलने से पहले
'शब्द' इंसान के
गुलाम होते हैं . . .

लेकिन बोलने के
बाद 'इंसान' शब्दों
का गुलाम बन जाता हैं!:

भोले की नगरी काशी

हर हर महादेव    इन थोड़े से शब्दों में काशी को परिभाषित नहीं किया जा सकता , परन्तु  बनारस की एक झलक प्रस्तुत करने की मैंने अपनी ...